2024 में होली कब है | होली कब है 2023 में . नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे होली 2023 में कब मनाई जाएगी और होलिका दहन करने का शुभ मुहूर्त क्या होगा? इसके अलावा होली से जुड़ी और तिथियां जानेंगे। साथ ही होली के बारे में भी थोड़ी बहुत जानकारी देने का प्रयास रहेगा। लेकिन आर्टिकल पढ़ने से पहले हमारी साइट को बुकमार्क जरूर कर ले ताकि और भी ऐसे ही आर्टिकल की updates मिलती रहें।
तो चलिए जानते है, होली कब है 2023 में बारे में, इसके लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढे।
होली 2023
भारत एक बिनसामप्रदायकी देश है।भारत में सभी तरह के त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्योहार है होली। होली हमारे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है जिसे हम सभी जानते हैं। होली के दिन सभी लोग इकट्ठा होकर होली जलाते हैं जिसे होलिका दहन के नाम से जाना जाता है। जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। होली के त्यौहार को बच्चे बूढ़े और जवान सभी बड़े आनंद और उल्लास के साथ मनाते हैं।
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होली का महत्व
हिंदू धर्म में, राजा हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। राजा हिरण्यकश्यप की होलिका नाम की एक बहन थी।
राजा हिरण्यकश्यप नहीं चाहते थे उनके राज्य में कोई भगवान की भक्ति करें। इसलिए वह अपने पुत्र प्रहलाद को मारना चाहता था। एक समय होलिका ने एक चीता बनाया और उस पर वह कुंवर प्रहलाद के साथ बैठ गई, होलिका के पास माता के आशीर्वाद रूपी एक चुंदड़ी थी जिससे उससे आग से कुछ भी न हो।
प्रहलाद चीता पर बैठ कर भी भगवान विष्णु का स्मरण कर रहा था। इसलिए होलिका चुंदड़ी जो होलिका को आर्शीवाद रूप मिली थी वो तेज हवा के साथ फिसल गई और प्रहलाद के पास आ गई ताकि प्रहलाद बच गया और होलिका उस आग में जल गई, यह हिंदू धर्म का प्रचलित इतिहास है।
इसी दंतकथा को ध्यान में रखते हुए हम सभी भारत में होली जलाते हैं और अगले ही दिन सुबह हम सब मिलकर इसे रंगों से मनाते हैं जिसे हम धुलेटी के नाम से जानते हैं।
होली कब है 2023 – Holi Kab Hai 2023 Mein
रंगों का त्योहार होली हर साल फागुन के महीने में मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च में होली का त्यौहार आता है। भारत की होली पूरी दुनिया में मशहूर है। होली से एक रात पहले होलिका दहन होता है। अगले दिन होली और धुलेटी है। 2023 में होली कब है और होली का दहन का शुभ मुहूर्त क्या है , आइए जानते हैं इसकी सही तारीख और शुभ मुहूर्त के बारे में।
दोस्तों सनातन पंचांग के अनुसार होली का त्यौहार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। हम सबको पता है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार होली मार्च में मनाया जाता है, लेकिन मार्च में होली कब है ये जानना बहुत ही ज़रूरी है। साल 2023 में होली 08 मार्च, बुधवार के दिन मनाई जाएगी, और 2023 की होली के लिए होलिका दहन 07 मार्च को किया जायेगा, जिसे बहुत सी जगह पर छोटी होली भी बोला जाता है।
होलिका दहन का मुहूर्त
अब जानते है की साल 2023 में होली दहन कब है? होलिका दहन का सबसे अच्छा मुहूर्त समय कुछ इस प्रकार है –
होलिका दहन मुहूर्त | 6 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक |
कुल अवधि | लगभग 2 घंटे 26 मिनट तक |
भद्रा पूंछ | 01:02:09 से 02:19:29 तक |
भद्रा मुख | 02:19:29 से 04:28:23 बजे तक |
होली के संबंधित में कुछ तथ्य
हिंदुओं का यह त्योहार भारत, श्रीलंका, नेपाल व मॉरीशस सहित दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। हर देश और भारत के सभी राज्य में भाई होली को अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है। प्रत्येक राज्य में होली को मनाने के तरीके भी अलग-अलग हैं। आइए जानते हैं होली से संबंधित कुछ जानकारियां।
- बिहार और यूपी में होली को फगुआ, फाग और लठमार इत्यादि कहते हैं। मथुरा, नंदगांव, गोकुल, वृंदावन की होली बहुत शानदार और देखने लायक होती है। कुछ लोग ये भी पूछते है की बिहार में होली कब है 2023 में या बिहार में होली कब है 2023 की साल में तो आपको बता दे की सभी राज्यों में होली एक ही दिन होती हैं बस उसे मनाने के तरीके अलग होते हैं।
- राजस्थान, और मध्य प्रदेश में होली के दिन होलिका दहन होता है, होली के दूसरेदूसरे दिन धुलेटी मनाते हैं और पांचवें दिन रंग पंचमी मनाते हैं। यहां के आदिवासियों में होली की खासी धूम होती है।
महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा
महाराष्ट्र में होली को ‘फाल्गुन पूर्णिमा’ और ‘रंग पंचमी’ के नाम से जानते हैं। गोवा के मछुआरा समाज इसे शिमगो या शिमगा कहता है। गोवा की स्थानीय कोंकणी भाषा में शिमगो कहा जाता है। गुजरात में गोविंदा होली की खासी धूम होती है।
हरियाणा और पंजाब
हरियाणा में होली को दुलंडी या धुलैंडी के नाम से जानते हैं। पंजाब में होली को ‘होला मोहल्ला’ कहते हैं।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा
पश्चिम बंगाल और ओडिशा में होली को ‘बसंत उत्सव’ और ‘डोल पूर्णिमा’ के नाम से जाना जाता है।
तमिलनाडु और कर्नाटक
तमिलनाडु में लोग होली को कामदेव के बलिदान के रूप में याद करते हैं। इसीलिए यहां पर होली को कमान पंडिगई, कामाविलास और कामा-दाहानाम कहते हैं। कर्नाटक में होली के पर्व को कामना हब्बा के रूप में मनाते हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगना में भी ऐसी ही होली होती है।
मणिपुर और असम
मणिपुर में इसे योशांग या याओसांग कहते हैं। यहां धुलेंडी वाले दिन को पिचकारी कहा जाता है। असम इसे ‘फगवाह’ या ‘देओल’ कहते हैं। त्रिपुरा, नगालैंड, सिक्किम और मेघालय में भी होली की धूम रहती है।
उत्तराखंड और हिमाचल
यहां होली को भिन्न प्रकार के संगीत समारोह के रूप में मनाया जाता है, जिसे बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली कहते हैं। यहां कुमाउनी होली होली प्रसिद्ध है।
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